"जय भीम जय संविधान "महामानव ,गरीबों के मसीहा बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को नमन् रख लो आईने हज़ार तसल्ली के लिए पर सच के लिए तो आँखें मिलानी ही पड़ेगी। जय भीम
थोड़ा पानी रंज का उबालियेखूब सारा दूध ख़ुशियों का*थोड़ी पत्तियां ख़यालों की..*थोड़े गम को कूटकर बारीक,हँसी की चीनी मिला दीजिये..*उबलने दीजिये ख़्वाबों को**कुछ देर तक..!*यह ज़िंदगी की चाय है जनाब..इसे तसल्ली के कप में छानकर*घूंट घूंट कर मज़ा लीजिये......