आज की सुबह की सूरज देखने तक तूने महफूज़ रखा, ए वतन , में तेरा सुक्रगुजार हूं। वादा करता हूं, जब तक मेरे नस में लहू बहती रहेगी, उसमे सिर्फ तेरा हक होगा, कोई दूजे का नहीं। तू हमेशा ये याद रखना," दुश्मन आंधी लाए या तूफ़ान, ए वतन,तू कभी न होना परेशान, मह...