Dnyaneshvar
Beginner Level 5
Options
- Mark as New
- Bookmark
- Subscribe
- Subscribe to RSS Feed
- Permalink
- Report Inappropriate Content
04-01-2020 09:06 AM in
Pune
Hi
2 Comments
SagarJournalist
Active Level 6
Options
- Mark as New
- Subscribe
- Subscribe to RSS Feed
- Permalink
- Report Inappropriate Content
04-09-2020 06:51 AM in
Pune
nice information, धन्यवाद, * अनिल कुमार सागर, वरिष्ठ लेखक - स्वतंत्र पत्रकार,पूर्व उप सम्पादक :"उजाले की ओर","कीमया-ऐ-जीवन ","ज्ञान रंजन ट्रेजर","चन्दौसी की गूँज ","मोटर यान ज्ञान","तुमुल तूफानी ","रंगीला टाइम्स", आदि राष्ट्रीय समाचार पत्र, सम्पर्कः- 03,आनन्द कॉलोनी,चन्दौसी-244412,उ.प्र., YouTube:Van Ausdhi anilkumarsagar,Writer-Journalist,YouTube:chandausinow,Anilkumarsagar Witer Journalist ,Twitter:anilkumarsagar11, Twitter:vision5design, Instagram:Kumar sagaranil, 09719674350whatsappजानिए रामायण का एक अनजान सत्य...
केवल लक्ष्मण ही मेघनाद का वध कर सकते थे..
क्या कारण था ?..पढ़िये पूरी कथा
हनुमानजी की रामभक्ति की गाथा संसार में भर में गाई जाती है। लक्ष्मणजी की भक्ति भी अद्भुत थी। लक्ष्मणजी की कथा के बिना श्री रामकथा पूर्ण नहीं है। अगस्त्य मुनि अयोध्या आए और लंका युद्ध का प्रसंग छिड़ गया ।
भगवान श्रीराम ने बताया कि उन्होंने कैसे रावण और कुंभकर्ण जैसे प्रचंड वीरों का वध किया और लक्ष्मण ने भी इंद्रजीत और अतिकाय जैसे शक्तिशाली असुरों को मारा ॥
अगस्त्य मुनि बोले- श्रीराम बेशक रावण और कुंभकर्ण प्रचंड वीर थे, लेकिन सबसे बड़ा वीर तो मेघनाध ही था ॥ उसने अंतरिक्ष में स्थित होकर इंद्र से युद्ध किया था और बांधकर लंका ले आया था॥
ब्रह्मा ने इंद्रजीत से दान के रूप में इंद्र को मांगा तब इंद्र मुक्त हुए थे ॥ लक्ष्मण ने उसका वध किया, इसलिए वे सबसे बड़े योद्धा हुए ॥
श्रीराम को आश्चर्य हुआ लेकिन भाई की वीरता की प्रशंसा से वह खुश थे॥ फिर भी उनके मन में जिज्ञासा पैदा हुई कि आखिर अगस्त्य मुनि ऐसा क्यों कह रहे हैं कि इंद्रजीत का वध रावण से ज्यादा मुश्किल था ॥
अगस्त्य मुनि ने कहा- प्रभु इंद्रजीत को वरदान था कि उसका वध वही कर सकता था जो.....
(१) चौदह वर्षों तक न सोया हो,
(२) जिसने चौदह साल तक किसी स्त्री का मुख न देखा हो, और
(३) चौदह साल तक भोजन न किया हो ॥
श्रीराम बोले- परंतु मैं बनवास काल में चौदह वर्षों तक नियमित रूप से लक्ष्मण के हिस्से का फल-फूल देता रहा ॥
मैं सीता के साथ एक कुटी में रहता था, बगल की कुटी में लक्ष्मण थे, फिर सीता का मुख भी न देखा हो, और चौदह वर्षों तक सोए न हों, ऐसा कैसे संभव है ॥
अगस्त्य मुनि सारी बात समझकर मुस्कुराए॥ प्रभु से कुछ छुपा है भला! दरअसल, सभी लोग सिर्फ श्रीराम का गुणगान करते थे, लेकिन प्रभु चाहते थे कि लक्ष्मण के तप और वीरता की चर्चा भी अयोध्या के घर-घर में हो ॥
अगस्त्य मुनि ने कहा – क्यों न लक्ष्मणजी से पूछा जाए ॥
लक्ष्मणजी आए प्रभु ने कहा कि आपसे जो पूछा जाए उसे सच-सच कहिएगा॥
प्रभु ने पूछा- हम तीनों चौदह वर्षों तक साथ रहे फिर तुमने सीता का मुख कैसे नहीं देखा ?, फल दिए गए फिर भी अनाहारी कैसे रहे ?, और १४ साल तक सोए नहीं ? यह कैसे हुआ ?
लक्ष्मणजी ने बताया- भैया जब हम भाभी को तलाशते ऋष्यमूक पर्वत गए तो सुग्रीव ने हमें उनके आभूषण दिखाकर पहचानने को कहा ॥
आपको स्मरण होगा मैं तो सिवाए उनके पैरों के नुपूर के कोई आभूषण नहीं पहचान पाया था क्योंकि मैंने कभी भी उनके चरणों के ऊपर देखा ही नहीं.
चौदह वर्ष नहीं सोने के बारे में सुनिए – आप औऱ माता एक कुटिया में सोते थे. मैं रातभर बाहर धनुष पर बाण चढ़ाए पहरेदारी में खड़ा रहता था. निद्रा ने मेरी आंखों पर कब्जा करने की कोशिश की तो मैंने निद्रा को अपने बाणों से बेध दिया था॥
निद्रा ने हारकर स्वीकार किया कि वह चौदह साल तक मुझे स्पर्श नहीं करेगी लेकिन जब श्रीराम का अयोध्या में राज्याभिषेक हो रहा होगा और मैं उनके पीछे सेवक की तरह छत्र लिए खड़ा रहूंगा तब वह मुझे घेरेगी ॥
आपको याद होगा राज्याभिषेक के समय मेरे हाथ से छत्र गिर गया था।
केवल लक्ष्मण ही मेघनाद का वध कर सकते थे..
क्या कारण था ?..पढ़िये पूरी कथा
हनुमानजी की रामभक्ति की गाथा संसार में भर में गाई जाती है। लक्ष्मणजी की भक्ति भी अद्भुत थी। लक्ष्मणजी की कथा के बिना श्री रामकथा पूर्ण नहीं है। अगस्त्य मुनि अयोध्या आए और लंका युद्ध का प्रसंग छिड़ गया ।
भगवान श्रीराम ने बताया कि उन्होंने कैसे रावण और कुंभकर्ण जैसे प्रचंड वीरों का वध किया और लक्ष्मण ने भी इंद्रजीत और अतिकाय जैसे शक्तिशाली असुरों को मारा ॥
अगस्त्य मुनि बोले- श्रीराम बेशक रावण और कुंभकर्ण प्रचंड वीर थे, लेकिन सबसे बड़ा वीर तो मेघनाध ही था ॥ उसने अंतरिक्ष में स्थित होकर इंद्र से युद्ध किया था और बांधकर लंका ले आया था॥
ब्रह्मा ने इंद्रजीत से दान के रूप में इंद्र को मांगा तब इंद्र मुक्त हुए थे ॥ लक्ष्मण ने उसका वध किया, इसलिए वे सबसे बड़े योद्धा हुए ॥
श्रीराम को आश्चर्य हुआ लेकिन भाई की वीरता की प्रशंसा से वह खुश थे॥ फिर भी उनके मन में जिज्ञासा पैदा हुई कि आखिर अगस्त्य मुनि ऐसा क्यों कह रहे हैं कि इंद्रजीत का वध रावण से ज्यादा मुश्किल था ॥
अगस्त्य मुनि ने कहा- प्रभु इंद्रजीत को वरदान था कि उसका वध वही कर सकता था जो.....
(१) चौदह वर्षों तक न सोया हो,
(२) जिसने चौदह साल तक किसी स्त्री का मुख न देखा हो, और
(३) चौदह साल तक भोजन न किया हो ॥
श्रीराम बोले- परंतु मैं बनवास काल में चौदह वर्षों तक नियमित रूप से लक्ष्मण के हिस्से का फल-फूल देता रहा ॥
मैं सीता के साथ एक कुटी में रहता था, बगल की कुटी में लक्ष्मण थे, फिर सीता का मुख भी न देखा हो, और चौदह वर्षों तक सोए न हों, ऐसा कैसे संभव है ॥
अगस्त्य मुनि सारी बात समझकर मुस्कुराए॥ प्रभु से कुछ छुपा है भला! दरअसल, सभी लोग सिर्फ श्रीराम का गुणगान करते थे, लेकिन प्रभु चाहते थे कि लक्ष्मण के तप और वीरता की चर्चा भी अयोध्या के घर-घर में हो ॥
अगस्त्य मुनि ने कहा – क्यों न लक्ष्मणजी से पूछा जाए ॥
लक्ष्मणजी आए प्रभु ने कहा कि आपसे जो पूछा जाए उसे सच-सच कहिएगा॥
प्रभु ने पूछा- हम तीनों चौदह वर्षों तक साथ रहे फिर तुमने सीता का मुख कैसे नहीं देखा ?, फल दिए गए फिर भी अनाहारी कैसे रहे ?, और १४ साल तक सोए नहीं ? यह कैसे हुआ ?
लक्ष्मणजी ने बताया- भैया जब हम भाभी को तलाशते ऋष्यमूक पर्वत गए तो सुग्रीव ने हमें उनके आभूषण दिखाकर पहचानने को कहा ॥
आपको स्मरण होगा मैं तो सिवाए उनके पैरों के नुपूर के कोई आभूषण नहीं पहचान पाया था क्योंकि मैंने कभी भी उनके चरणों के ऊपर देखा ही नहीं.
चौदह वर्ष नहीं सोने के बारे में सुनिए – आप औऱ माता एक कुटिया में सोते थे. मैं रातभर बाहर धनुष पर बाण चढ़ाए पहरेदारी में खड़ा रहता था. निद्रा ने मेरी आंखों पर कब्जा करने की कोशिश की तो मैंने निद्रा को अपने बाणों से बेध दिया था॥
निद्रा ने हारकर स्वीकार किया कि वह चौदह साल तक मुझे स्पर्श नहीं करेगी लेकिन जब श्रीराम का अयोध्या में राज्याभिषेक हो रहा होगा और मैं उनके पीछे सेवक की तरह छत्र लिए खड़ा रहूंगा तब वह मुझे घेरेगी ॥
आपको याद होगा राज्याभिषेक के समय मेरे हाथ से छत्र गिर गया था।
SagarJournalist
Active Level 6
Options
- Mark as New
- Subscribe
- Subscribe to RSS Feed
- Permalink
- Report Inappropriate Content
04-09-2020 06:52 AM in
Pune
🌹चन्दौसी के बड़े-बड़े एन0जी0ओ0 रोटरी, लॉयन्स, जॉयन्ट्स,भारत विकास आदि दिखावा-छलावा???🌹चन्दौसी (ब्यूरो चीफ-अनिल कुमार सागर,वरिष्ठ लेखक स्वतंत्र पत्रकार:Subscribe &advertising *vision5design.com
*Brings you great websites with city stories!*chandausinow.com
bewaronline.com, chandausionline.com, jalesaronline.com,
etahonline.com, hathrasonline.com, *YouTube: Van Ausdhi : https://youtu.be/o64VOXnLg10🌹🌹🌹🌹🌹https://youtu.be/z6Yw-hThfN4
*subscribe करें, कमेन्ट करें, शेयर (साझा) करें जिससे ज्ञान-विज्ञान का प्रचार-प्रसार हो सके तथा Bell icon दबाना न भूलें)।चन्दौसी नगर में करीब 12रोटरी इन्टरनेशनल,5लॉयन्स इन्टरनेशनल,5जॉयन्ट्स इन्टरनेशनल,भारत विकास आदि अनेक क्लब ग्रुप्स हैं, वैश्विक तथा भारत में घोर आपातकालीन समय पर कोई भी स्वयंसेवी संस्थाओं निःशुल्क भोजन-पानी आदि वितरण नहीं किया!नगर से बाहर जारई रोड, तहसील परिसर में प्रशासन भोजन पैकेट वितरण की खानापूर्ति करके मीडिया में सुर्खियों आ गया!जबकि नगर पालिका परिषद, रेलवे स्टेशन, रोडवेज बस स्टैंड आदि सार्वजनिक स्थानों पर वितरण की अत्यंत आवश्यकता है ।ऐसे में समाजसेवा का नाटक/दिखावे करने वाले एन0जी0ओ0 की मान्यता खत्म करके पदाधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए!कहीं इनकेरुपये आतंकवादी गतिविधियों में तो नहीं लग रहा है?धर्म परिवर्तन को तो नहीं चलाये जा रहे हैं, यह संगठन?अधिकांश बैठक,सभाएं इनकी गुप्त होतीं हैं तथा ऐश, मौज-मस्ती करतीं दिखाई देतीं!मोदी जी, योगी जी को इसका संज्ञान लेकर तुरंत एक्शन लें सरकारें ।
*Brings you great websites with city stories!*chandausinow.com
bewaronline.com, chandausionline.com, jalesaronline.com,
etahonline.com, hathrasonline.com, *YouTube: Van Ausdhi : https://youtu.be/o64VOXnLg10🌹🌹🌹🌹🌹https://youtu.be/z6Yw-hThfN4
*subscribe करें, कमेन्ट करें, शेयर (साझा) करें जिससे ज्ञान-विज्ञान का प्रचार-प्रसार हो सके तथा Bell icon दबाना न भूलें)।चन्दौसी नगर में करीब 12रोटरी इन्टरनेशनल,5लॉयन्स इन्टरनेशनल,5जॉयन्ट्स इन्टरनेशनल,भारत विकास आदि अनेक क्लब ग्रुप्स हैं, वैश्विक तथा भारत में घोर आपातकालीन समय पर कोई भी स्वयंसेवी संस्थाओं निःशुल्क भोजन-पानी आदि वितरण नहीं किया!नगर से बाहर जारई रोड, तहसील परिसर में प्रशासन भोजन पैकेट वितरण की खानापूर्ति करके मीडिया में सुर्खियों आ गया!जबकि नगर पालिका परिषद, रेलवे स्टेशन, रोडवेज बस स्टैंड आदि सार्वजनिक स्थानों पर वितरण की अत्यंत आवश्यकता है ।ऐसे में समाजसेवा का नाटक/दिखावे करने वाले एन0जी0ओ0 की मान्यता खत्म करके पदाधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए!कहीं इनकेरुपये आतंकवादी गतिविधियों में तो नहीं लग रहा है?धर्म परिवर्तन को तो नहीं चलाये जा रहे हैं, यह संगठन?अधिकांश बैठक,सभाएं इनकी गुप्त होतीं हैं तथा ऐश, मौज-मस्ती करतीं दिखाई देतीं!मोदी जी, योगी जी को इसका संज्ञान लेकर तुरंत एक्शन लें सरकारें ।